
खबर टाइम्स छत्तीसगढ़ 🇮🇳

लुड़ेग। शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर कोठी घर, खजरीढाब, घुईगोड़ा कुठी में माँ मंगला माता की भव्य पूजा-अर्चना और अनुष्ठानिक आयोजन बड़ी श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। महाकुल यादव समाज के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और सदस्यों ने विधिविधान से पूजा कर मंदिर में दर्शन लाभ प्राप्त किए।

इस मौके पर पूर्व प्रदेश सचिव श्री टी.आर. बारीक, प्रदेश सचिव श्री प्रकाश यादव, ब्लॉक अध्यक्ष श्री पूर्नोचंद बेहरा, ब्लॉक सचिव श्री चूड़ामणि यादव, सह सचिव श्री जगदीश यादव, ब्लॉक मीडिया प्रभारी श्री खिरोधर यादव, क्षेत्र अध्यक्ष श्री रघुनंदन यादव सहित प्रदेश, जिला और ब्लॉक स्तर के कई पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने माता की आराधना कर समाज और क्षेत्र की शांति, समृद्धि व कल्याण की कामना की।
कोठी घर में आयोजन का एक विशेष आकर्षण यहां कारीगरों द्वारा बनाए गए पारंपरिक वाद्य-यंत्र थे। स्थानीय हस्तशिल्पियों ने हांडी, सूप और धनुष-आकृति की वस्तुओं को अद्भुत तरीके से जोड़कर वाद्य-यंत्रों का निर्माण किया, जिन्हें “हांडी-बाज़ा” कहा जाता है और समारोह में पारंपरिक ढंग से बजाया गया। इन वाद्यों की थाप पर भजन-कीर्तन और आरती का माहौल और भी श्रद्धापूर्ण हो उठा।
पूजा के दौरान कुछ श्रद्धालु गहरे भक्ति-भाव में आते दिखे; कुछ भक्तों को माँ की अनुभूति होने पर आध्यात्मिक अवस्था (झपना/झूमना) देखने को मिली और वे गहरे समर्पण में लीन हो गए। आयोजकों और ग्रामीणों के अनुसार, कुछ लोग ऐसे अद्भुत व्यवहार भी करते पाए गए — जहाँ वे साधारण मानवीयबाधाओं को पार कर रहे प्रतीत होते थे; कुछ श्रद्धालु कथित रूप से कठिन अवस्थाएँ सहन कर लेते हैं—जैसे गहन ध्यान में बैठे रहना, आग पर चलने की पारंपरिक कृतियाँ या कठिन सत्कार कर पाना—जिसे स्थानीय लोग देवी की विशेष शक्ति और आशीर्वाद से जोड़कर देखते हैं।
स्थानीय लोग और समाज के वरिष्ठों ने बताया कि ये परंपराएँ पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही हैं और इन्हें माता की अनुकम्पा व सामाजिक एकजुटता का प्रतीक माना जाता है। नौ दिन तक चलने वाले इस अनुष्ठान में हर वर्ष दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और मनोकामनाओं के पूर्ण होने की आस लेकर पूजा में हिस्सा लेते हैं।
कार्यक्रम में भारी संख्या में समाजजन और स्थानीय श्रद्धालु शामिल थे। पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन और पारंपरिक वाद्य-यंत्रों की गूँज के बीच यह आयोजन समाज की धार्मिक परंपरा और आस्था की जीवंत झलक साबित हुआ।