
खबर टाइम्स छत्तीसगढ़
पत्थलगांव (जशपुर) :- रेलवे लाइन और भारतमाला परियोजना के खिलाफ आदिवासी समुदाय का गुस्सा शनिवार को पत्थलगांव के पालीडीह गांव में सड़कों पर फूटा। भारत मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय आदिवासी एकता के बैनर तले हुए इस धरना प्रदर्शन में आदिवासी नेताओं ने राज्य सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर हमला बोला।विरोध प्रदर्शन में राष्ट्रीय किसान मोर्चा के महासचिव और पत्थलगांव विधायक गोमती साय के देवर के रूप में मंच में संबोधित फ्लैशवर साय ने कहा, “हमारी लड़ाई विचारधारा की है। हमारे ही समाज के कुछ लोग हमारी इस लड़ाई में बाधा बन रहे हैं, ऐसे लोगों की पहचान जरूरी है।

”गौरतलब है कि हाल ही में ग्राम तिरसोंठ में रेलवे सर्वे का विरोध करने पर रूपनारायण एक्का, सुनील खलखो समेत सात लोगों पर केस दर्ज कर जेल भेजा गया था। इसी के विरोध में 3 मई को यह धरना किया गया।धरने के दौरान अचानक तेज आंधी-तूफान ने पंडाल को उड़ाने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने मिलकर उसे संभाल लिया और कार्यक्रम जारी रखा।धरना मंच से अनुरंजन भगत ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पर तीखा हमला करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री खुद को आदिवासी हिंदू बताते हैं, लेकिन शराब जैसे महापाप को बढ़ावा देकर आदिवासियों को कुचल रहे हैं।
” भगत ने तल्ख लहजे में कहा, “अगर बागबहार तहसीलदार यहां होता तो मैं उसे जूते से मारता।”प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि रेलवे लाइन और भारतमाला परियोजना के लिए बिना सहमति जमीन ली जा रही है, मुआवजा नहीं दिया जा रहा, और पुलिस-प्रशासन आदिवासियों को डराने-धमकाने में जुटा है। वे झूठी एफआईआर रद्द कर गिरफ्तार साथियों की रिहाई और जबरन हो रहे विकास कार्यों पर रोक की मांग कर रहे हैं। चेतावनी दी गई कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो राज्य और देश स्तर पर बड़ा आंदोलन होगा।अब देखना यह होगा कि भाजपा इस मसले पर क्या रुख अपनाती है — क्या विवादित बयानों पर कार्रवाई होगी या फिर पार्टी चुप्पी साधे रखेगी?
2 Comments
saaufy
Hmm