

ख़बर टाइम्स छत्तीसगढ़

जशपुर –यह मामला जशपुर जिले के ग्राम कछार में आदिवासी जमीन की रजिस्ट्री से जुड़ा है, जिसमें पटवारी कृष्ण कुमार यादव पर आरोप है कि उन्होंने बिना अधिकार के रजिस्ट्री कराई है और जानबूझकर चौहद्दी दी है। इस मामले में सरपंच और सचिव की भूमिका भी संदिग्ध है, जिन्होंने आदिवासी जमीन के नाम संशोधन हेतु पंचायत प्रस्ताव दिया है।ग्राम कछार में खाता नंबर 299 के टुकड़े 03 और 04 की रजिस्ट्री बिना 170 ख चलाए और बिना किसी अधिकारी के आदेश के कराई गई है, जबकि खाता नंबर 299 आदिवासी बुधु उरांव के नाम पर दर्ज है। पटवारी कृष्ण कुमार पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर चौहद्दी दी और पंचायत प्रस्ताव के माध्यम से नाम संशोधन करवाया
*आरोप और आरोपियों की भूमिका*
पटवारी कृष्ण कुमार यादव पर आरोप है कि उन्होंने मोटी रकम लेकर फर्जी काम किए हैं और आदिवासी जमीन की रजिस्ट्री में अनियमितता बरती है। सरपंच और सचिव पर आरोप है कि उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर आदिवासी जमीन के नाम संशोधन हेतु पंचायत प्रस्ताव दिया है।
*मामले की जांच*
इस मामले में जांच की आवश्यकता है ताकि यह पता चल सके कि रजिस्ट्री में अनियमितता कैसे हुई और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। जांच में यह भी देखा जाना चाहिए कि पटवारी कृष्ण कुमार ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग तो नहीं किया है।
*कार्रवाई की मांग*
इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। अगर पटवारी कृष्ण कुमार और अन्य अधिकारियों ने अनियमितता की है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
इस मामले में पटवारी, सरपंच और सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। अगर इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है, तो इससे आदिवासी जमीन की रजिस्ट्री में और अधिक अनियमितताएं हो सकती हैं।
*डायरेक्ट नामांतरण का दुरुपयोग*
डायरेक्ट नामांतरण की योजना का दुरुपयोग होने की संभावना है, अगर पटवारी जैसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है। इससे आदिवासी और सरकारी जमीन की रजिस्ट्री में और अधिक अनियमितताएं हो सकती हैं।




