

खबर टाइम्स छत्तीसगढ़

जशपुर – सूत्रों के हवाले पत्थलगांव नगर पालिका में इन दिनों काफी सुर्खियों में है ।कर्मचारियों का वेतन से लेकर पार्षदों का वेतन कई महीनों से न मिलना दिवालिया का संकेत बता रहा है । मजे की बात है कि लगभग पार्षदों का वेतन भुगतान पांच महीने का नहीं मिलना शोचनीय विषय है । प्लेसमेट कर्मचारी और सफाई महिलाओं का तो पूछो मत बेचारियों का 6 से 8 हजार वेतन मिलता है फिर भी महीनों उनका वेतन नहीं मिलना क्या गुजरती होगी ।बताया जाता है कि पत्थलगांव नगर पालिका में कई महीनों से डीजल का भुगतान नहीं होने के कारण पेट्रोल पंप संचालक डीजल देने को मना कर देता है और देता भी है तो 20 लीटर की पर्ची में 18 लीटर ही डीजल दिया जाता है ।कर्मचारियों द्वारा बताया जाता। है कि नगर पालिका का इतना गंदा रवैया हो गया है कि अगर गाड़ी पंचर हो जाता है तो टायर मिस्री पंचर तक नहीं बनता है ।
*आर्थिक कुप्रबंधन*: नगर पालिका के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी धन नहीं होना एक बड़ा कारण है। पत्थलगांव नगर निगम की आर्थिक स्थिति बदहाल होने के कारण पालिका अपने क्षेत्र में विकास कार्य करने में असमर्थ है।नगर की राजस्व वसूली भी नहीं के बराबर होने का एक यह भी कारण है ।-
*सरकारी अनुदान की कमी*: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पत्थलगांव पालिका को उसके हिस्से की राशि नहीं मिलना भी एक बड़ा कारण है।
*भ्रष्टाचार*: नगर पालिका में भ्रष्टाचार भी एक बड़ा कारण हो सकता है। पत्थलगांव नगर पालिका में अवैध निर्माण कार्यों के कारण लाखों रुपये की राजस्व हानि होना इसका एक उदाहरण है।
*विकास कार्यों की कमी*: नगर पालिका के पास विकास कार्यों के लिए धन नहीं होने से भी समस्या बढ़ सकती है। पत्थलगांव के किसानों की भूमि पर नगर पालिका द्वारा कूड़ा डालने और नालों का पानी छोड़ने से उनकी भूमि कृषि योग्य नहीं रह गई है।-
*कर्मचारियों की कमी*: नगर पालिका के निर्माण इकाई में स्टाफ की कमी भी एक समस्या हो सकती है। बस्ती में नगर पालिका के निर्माण की गति धीमी पड़ने के कारण टूटने की कगार पर पहुंच गई है।इन कारणों को दूर करने के लिए नगर पालिका को अपने आर्थिक प्रबंधन में सुधार करना, सरकारी अनुदान के लिए प्रयास करना, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने, विकास कार्यों के लिए धन जुटाने और कर्मचारियों की कमी को दूर करना होगा।अब देखना यह होगा कि नगरी प्रशासन क्या कदम उठाती हैं ।